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स्कूल खुलने के बाद भी पैरंट्स बच्चों को पढ़ाई में कर रहें हैं मदद

~ ऑनलाइन लर्निंग रिसोर्सेज ने पैरंट्स की बच्चों के पढ़ाई में मदद की

मुंबई : 18 महीनों से भी ज्यादा समय के स्टडी फ्रॉम होम मॉडल के बाद हालात फिर से बदल गए हैं। स्कूलों के गेट बच्चों के लिए फिर से खुल रहे हैं। ब्रेनली के ज्यादातर (59%) स्टूडेंट्स का कहना था कि उनके पैरंट्स कोरोना से पहले के समय की तुलना में महामारी का प्रकोप फैलने के बाद से उनकी पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने लगे हैं। दिलचस्प बात यह है कि 71 फीसदी स्टूडेंट्स स्कूल खुलने के बाद भी पढ़ाई में आ रही समस्याओं को दूर करने में माता-पिता की मदद ले रहे हैं। ऑनलाइन लर्निंग रिसोर्सेज ने पैरंट्स को बच्चों को पढ़ाई में मदद के लिए सभी जरूरी टूल्स प्रदान कर उन्हें मजबूती दी है।

बच्चों की शिक्षा में पैरंट्स की उभरती हुई भूमिका का पता लगाने के उद्देश्य से ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ब्रेनली ने एक सर्वे संचालित किया। इस सर्वे में 1870 स्टूडेंट्स शामिल हुए। सर्वे इस विचार की पुष्टि करता है कि 60 फीसदी पैरंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई में अतिरिक्त मदद के लिए ब्रेनली जैसे ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के बारे में जानते हैं। इसके अलावा 46 फीसदी पैरंट्स अपने बच्चों की पढ़ाई संबंधी किसी परेशानी का हल करने के लिए ऑनलाइन लर्निंग टूल्स की मदद लेते हैं। इससे यह पता चलता है कि अब भारतीय पैरंट्स अपने बच्चों को डिजिटल डिवाइस या पढ़ाई के लिए तकनीकी टूल्स तक पहुंच की इजाजत आसानी से दे देते हैं। उन्हें इसमें कोई असुविधा महसूस नहीं होती।

पैरंट्स यह सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं कि उनके बच्चों की पढ़ाई नए शैक्षिक माहौल में बेहतर ढंग से हो। ब्रेनली के सर्वे के अनुसार करीब 59 फीसदी स्टूडेंट्स को पढ़ाई में प्राइवेट टीचर्स या ट्यूटर्स से पढ़ने में मदद मिल रही है। स्कूल, ट्यूटर्स और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म का यह संपूर्ण ऑनलाइन लर्निंग मॉडल सुनिश्चित करता है कि स्टूडेंट्स सभी कॉन्सेप्ट्स को अच्छी तरह समझ सकें, अपनी समस्याओं को दूर कर सकें और अपने मन में उठ रहे सवालों के जवाब पा सकें। इसी के चलते अब ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्मं ज्यादा से ज्यादा स्टूडेंट्स को पर्सनल कोचिंग का ऑफर दे रहे हैं, जिससे स्टूडेंट्स की व्यक्तिगत पढ़ाई की जरूरतें पूरी हो सकें। ऑनलाइन पढ़ाई स्टूडेंट्स के शैक्षिक सफर में उनकी पूरी तरह से मदद करती है।

ब्रेनली के चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर राजेश बिसानी ने कहा, “हाल ही में हुए सर्वे से यह खुलासा हुआ है कि पैरंट्स अब बच्चों की शिक्षा के क्षेत्र में हुई प्रगति, उपलब्धियों के साथ यह जानने के लिए पैरंट्स-टीचर्स मीटिंग पर निर्भर नहीं है कि उनके बच्चों को पढ़ाई के किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। तकनीकी ऑनलाइन टूल्स पर निर्भर होने से पैरंट्स अब न सिर्फ अपने बच्चों की पढ़ाई में पहले से ज्यादा शामिल हैं, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई में ज्यादा से ज्यादा मदद के लिए इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की ज्यादा सक्रियता से जानकारी जुटा रहे हैं। अब जब स्टूडेंट्स व्यक्तिगत पढ़ाई में अपने माता-पिता, ट्यूटर और ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म से मदद लेकर काफी खुश हैं, ऐसे समय में आज के दौर में लर्निंग का हाइब्रिड माहौल ज्यादा से ज्यादा प्रासंगिक होता जा रहा है।“

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