✍️ मनीषा कुमारी, मुम्बई
हमें लगा वो हमें हाले दिल कह गये हैं।
इतंजार में उनके बहूत आँसू बहाये हैं।।
लगा ऐसा अब खुशी की दिन आने वाला हैं।
लेकिन वो तो बड़े प्यार हमें अलविदा कह गये।।
उनकी खामोशियों को हम मज़बूरिया समझने लगे थे।
लेकिन वो तो हमसें मुँह मोड़ने की तैयारियां कर रहे थे।।
हमनें एक-एक दिन बस इस याद में गुजारा हैं।
क्योंकि दूरियां खत्म करने की मौसम आने वाला हैं।।
तन्हाइयों में खुद का जीने का सहारा ढूंढ लिये थे।
बस उन्हें परेशानी न हो इसीलिए खुद से खफ़ा हो गए थे।।
हमें क्या मालूम थी वो प्यार नही बस एक सपना था।
बहुत ही प्यार से वो आज अलविदा कह गये थे।।