Khula Sach
कारोबारताज़ा खबर

भारतीय अर्थव्यवस्था को 1.1 ट्रिलियन डॉलर के डिजिटल एसेट के निर्माण का अवसर

~ क्रॉसटावर और यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम की रिपोर्ट

मुंबई : यूएस-इंडिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम (यूएसआईएसपीएफ) के साथ साझेदारी में दुनिया के सबसे तेज और अग्रणी क्रिप्टो और डिजिटल एसेट एक्सचेंजों में से एक, क्रॉसटावर ने “भारत का 1.1 ट्रिलियिन डॉलर डिजिटल परिसंपत्ति अवसर’’ (“इंडिया’ज़ यूएसडी 1.1 ट्रिलियन डिजिटल एसेट अपॉर्च्युिनिटी”) पर अपनी शोध रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में बताया गया है कि 2032 तक भारत के पास अपने सकल घरेलू उत्पाद में 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक विकास जोड़ने की क्षमता मौजूद है। यह बताता है कि भारत वेब 3.0 को अपनाते हुए डिजिटल संपत्ति के अवसर का लाभ कैसे उठा सकता है और भारत के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को डिजिटलीकरण करने के लिए ब्लॉकचेन तकनीक क्यों पर्याप्त है।

वर्ष 2013 में, डिजिटल परिसंपत्ति बाजार का बाजार पूंजीकरण लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। क्रॉसटावर की रिपोर्ट के मुताबिक आज की तारीख में बाजार पूंजीकरण लगभग 3.0 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें यह भी कहा गया है कि अगले 11 वर्षों में कुल आर्थिक विकास में भारत के 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का अधिकांश हिस्सा सहायक डिजिटल संपत्ति से संबंधित व्यवसायों से आ सकता है, जिसका दोहन किया जाना अभी बाकी है।

शोध रिपोर्ट के कुछ प्रमुख अंश इस प्रकार हैं :

डिजिटल परिसंपत्तियों को अपनाने की दर (जैसा कि केंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर खोले गए खातों से परिलक्षित होता है) इंटरनेट की तुलना में लगभग दोगुनी तेजी से बढ़ रही है। लगभग 100 मिलियन यूजर्स से एक बिलियन यूजर्स तक जाने में इंटरनेट को लगभग 7.5 वर्ष लगे। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों में समान वृद्धि में लगभग चार साल लगेंगे।

इन 11 वर्षों में वेब 3.0 भारत के लिए 1.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक वृद्धि को जोड़ सकता है, लेकिन यह केवल सही नीतियों और नियामक ढांचे के साथ ही संभव है। वैश्विक वित्तीय सेवा बाजार 2021 में 22 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने का अनुमान है और 2025 तक बढ़कर 28 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।

डिजिटल आर्ट से लेकर टिकटों की बिक्री, संगीत, संग्रहणीय वस्तुओं, विलासिता की वस्तुओं और गेमिंग और नन फंजिबल टोकन (एनएफटी) तक लोगों की रोजाना के आपसी संवाद करने के तरीके को बदल सकते हैं। अभी भी शुरुआती अवस्था में होने पर एनएफटी के 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक के बाजार में उभरने का अनुमान है।

यूएसआईएसपीएफ के प्रेसिडेंट और सीईओ, डॉ. मुकेश अघी ने कहा कि, “भारत 2024-25 तक 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है, जैसा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल्पना की थी। डिजिटल परिसंपत्तियों के तेजी से अपनाने के कारण, अगले 11 वर्षों में सभी देशों में जबरदस्त संभावनाएं होने की उम्मीद है। उनसे भारत को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था की जीडीपी हासिल करने में मदद करने की उम्मीद है।”

क्रॉसटावर के को-फाउंडर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कपिल राठी ने कहा कि, “डेटा से पता चलता है कि भारत के नागरिक स्वाभाविक रूप से दूरदर्शी होते हैं और वेब 3.0 के साथ भारत के पास अपने मुख्य संसाधन (इसके तकनीकी रूप से जानकार युवा) का उपयोग करने का अवसर है, ताकि डिजिटल एसेट (परिसंपत्ति) और वेब 3.0 के मामले में भारत वैश्विक रूप से अग्रणी हो सके। सही नीतियों और नियामक ढांचे के साथ, भारत के नियामक इस देश में उम्मीद और समृद्धि के साथ सुरक्षा ला सकते हैं।”

ब्लॉकचेन तकनीक में योगदान करने और बदलने की क्षमता :

सरकारी परियोजनाएं: सरकार से संबंधित ब्लॉकचेन परियोजनाओं के 2021 में भारत में सकल घरेलू उत्पाद में करीब 0.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देने की उम्मीद है, जो 2032 में 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा।

डिजिटल आईडेंटिटी: रिपोर्ट में कहा गया है कि डिजिटल आईडेंटिटी 2032 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 8.2 बिलियन अमेरीकी डॉलर का योगदान दे सकती है।

पेमेंट एंड रेमिटेंस (भुगतान और प्रेषण): रिपोर्ट में इस सेक्टर के 2032 तक भारत के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 21.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान देने का अनुमान लगाया गया है, क्योंकि ब्लॉकचेन भुगतान के मामले में दक्षता को बढ़ाता है।

Related posts

इस हफ्ते एण्डटीवी के शोज़ लेकर आ रहे हैं इमोशंस की भरमार

Khula Sach

इस दिल को समझाऊँ कैसे ?

Khula Sach

Daily almanac & Daily Horoscope : आज का पंचांग व दैनिक राशिफल और ग्रहों की चाल 25 दिसंबर 2020

Khula Sach

Leave a Comment