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Mirzapur : टेढे मेढ़े पंजों से खराब नहीं होगा बच्चों का बचपन, पिछले वर्ष 65 बच्चें हुए लाभान्वित 

रिपोर्ट : तपेश विश्वकर्मा

मिर्जापुर, (उ.प्र.) : क्लबफुट के ईलाज व जागरूकता के लिए बुधवार को मण्डलीय चिकित्सालय के सभागार में डाक्टरों द्वारा आशा कार्यकर्ताओं व आशा संगिनी को विस्तारपूर्वक बताया। जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य चिकित्साधिकारी डाक्टार प्रभु दयाल गुप्ता ने कहा कि यह खुशी की बात है कि हमारे यहां निःशुल्क टेढ़े मेढ़े बच्चों का उपचार निःशुल्क उपलब्ध है।

अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व नोडल अधिकारी डाक्टर अरूण ने बताया कि बच्चे का पैर जन्म से ही यदि टेढ़े मेढ़े होने पर इलाज के लिए अब परिवार वालों को कही भटकना नही पड़ेगा। राष्ट्रीय बाल किशोर कार्यक्रम के तहत मण्डलीय चिकित्सालय में हो रहा है। अब ऐसे बच्चों का जीवन कष्टमय न होकर बल्कि सुखमय रहेगा। पिछले वर्ष मण्डलीय चिकित्सालय में हर बुधवार को लगने वाले कैम्प में 65 बच्चों को लाभ दिया जा चुका है। इस वर्ष भी अभी तक अप्रैल माह से नवम्बर माह तक 12 बच्चों को लाभ दिया गया है, और 43 बच्चे रजिस्टर्ड है जिनका उपचार फैजाबाद से आये हुए डाक्टर आशीष श्रीवास्तव द्वारा किया जा रहा है।

राष्ट्रीय बाल किशोर कार्यक्रम के प्रबन्धक राकेश तिवारी का कहना है कि गर्भ में कुछ बच्चों का पैर टेढे मेढ़े हो जाते हैं। इस बीमारी को सामान्य बोलचाल में जन्मजात दोष और डाक्टरी भाषा में क्लब फुट कहा जाता है। ऐसे परिवारों को राहत पहुंचाने के लिए आरबीएसके का सहयोग करने के लिए मिराकल फीट इण्डिया ने इस ओपीडी का संचालन कर रही है। मण्डलीय चिकित्सालय में शून्य से लेकर पांच साल तक के बच्चों की इलाज की सुविधा उपलब्ध है। यह सुविधा प्रत्येक लाभार्थी को बुधवार के दिन चिकित्सालय के कमरा नं0 09 में दिया जा रहा है। हर बुधवार को 9 से 12 बच्चों का सफल उपचार किया जा रहा है। इस इलाज के दौरान कोविड के नियमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।

ईलाज का तरीका

मिराकल फीट इण्डिया के जिला समन्यवयक राहुल ने बताया कि ऐसे बच्चों के पंजे जिनके भीतर की ओर मुडे होते हैं। उनका मामूली आपरेशन किया जाता है। उनके प्लास्टर को सात दिनों के बाद बदल दिया जाता है। यह तरह चार से छह बार किया जाता है। उसके बाद बच्चों के पंजे का बेस बनाया जाता है। जिससे पंजे फिर से न मुड़े, पांच वर्ष तक बच्चों को विशेष प्रकार जूता पहनाया जाता है। जिससे बच्चें आसानी से खेल कूद सकते हैं।

ग्राम भैंसा निवासी अनिता पत्नी सुरेश को एक बालक जनवरी 2021 में पैदा हुआ जन्म से ही बच्चें का पैर टेढे मेढ़े होने के कारण उसको चलने में विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। कछवां सामुदायिक स्वास्थ्य के डाक्टर ने इसे मण्डलीय चिकित्सालय में इस प्रकार बच्चों के इलाज की सुविधा बताया और दिखाने को भी कहा फिर हमने बुधवार के दिन नवम्बर माह में सुबह ही दिखाया बच्चें के पैर का चार से पांच बार प्लास्टर किया गया फिर विभाग से मिले जूते की सहायता से आज मेरा बच्चा आसानी से खेल कूद रहा है। इस तरह के उपचार जिले में उपलब्ध होने से बच्चों के जिन्दगी में अन्धेरा की जगह उजाला भरने का कार्य किया जा रहा है।

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