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कहानी : समझौता जिंदगी का

!! दीपा दास, लखनऊ !!

कुछ रिश्ते बचाने के लिए बहुत कुछ सहा हमने अपनी कोई भूल ना होने पर भी बहुत कुछ खून का घूंट पिया हमने । लोगों के पैरों में झुके माफी मांगी जो गुनाह किया नहीं उसे भी कागजों में लिख कर दिया कोई ना सहारा होने के कारण हर कुछ बर्दाश्त करते हैं।

किसी ने कहा बहुत प्यास लगी है तुम्हें लेकिन यार पानी भी कैसे पिए क्योंकि उसमें भी तो जहर घुला है फिर भी पिया आप चाहे जितना भी चहा लो हर किसी की खुशियों को पूरा नहीं कर सकते हर किसी का ध्यान नहीं रख सकते कहीं ना कहीं कमी निकाल ही लेते हैं, इसीलिए लोग कहते हैं शीशा के सामने खड़ी होकर खुद से माफी मांग लो। क्योंकि दूसरों की खुशी का ध्यान रखते हुए हम अपने को ज्यादा तकलीफ और दुख देते हैं। आप सोचते काश और थोड़ा सब्र कर लेते तो शायद रिश्ते कुछ सवर जाते हैं। मां बड़ा ही प्यारा शब्द है नारी के लिए इस शब्द का बड़ा महत्व होता है अनु एक विधवा मां की बेटी थी उसे थोड़ा पढ़ा लिखाकर उसकी मां ने मजबूरी में उसकी शादी कर दी।

अनु का पति अच्छी कंपनी में काम करता था। उसके पुराने ख्यालात होने के कारण उसके हिसाब से औरतों को हमेशा काबू में रखना चाहिए और दबा के रखना चाहिए ऐसे ख्यालों का था उसका पति। कुछ समय बाद अनु मां बनी वो तीन बच्चों की मां बनी उसकी जिंदगी बच्चे पति और सास-ससुर में ही सिमट गई। उसे अपने लिए वक्त नहीं मिलता था ना पति उसे कुछ समझता था।

धीरे-धीरे बच्चे बड़े हो गए हैं उसके एक बेटे नीरज के अलावा उसे कोई सम्मान और प्यार नहीं करता था लेकिन वह सभी को खुश करने की कोशिश करती सभी खुशियां और जरूरतों का ध्यान रखती है। अपनी इच्छाओं का गला घोट कर किसी से कुछ नहीं कहती अनु से अपने पति से थोड़ा सम्मान मान और बच्चों से प्यार चाहती थी। लेकिन पति और बच्चे हमेशा उसकी बेइज्जती करते, उसे नीचा दिखाते और कहते तुम अनपढ़ हो, तुम्हें कुछ नहीं आता, तुम सिर्फ रसोई संभालो सही से वही तुम्हारे लायक है।

अनु को पति की यह जली कटी बातें तोड़कर रख देती और सोचती दुखी होकर की काश मैंने शादी नहीं की होती, नहीं मां बनती तो कितना अच्छा हो। मां का दर्जा ईश्वर से भी ऊंचा है लोग कहते हैं मां के कदमों में ही स्वर्ग है। कहते हैं औरत बनकर रहना इतना आसान नहीं होता, चाहे जितनी तकलीफ दर्द हो उसे चलना पड़ता है मुस्कुराना पड़ता है यह हर औरत की कहानी है वह तिल तिल जलकर एक घर को स्वर्ग बनाने की कोशिश करती है इसके बदले में उसको सबसे सम्मान और उसकी भावनाओं को समझने वाले चाहिए।

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