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कविता : “ओ कोरोना तू कहाँ से आया”

गीता सूर्यवंशी

ओ कोरोना तू कहाँ से आया
सब कुछ हो गया पराया पराया
तेरा आना किसी को न भाया,
मम्मी बोले हाथ धोए
घर से बाहर कहीं न जाये
सखा सहेली सव भूल जाये
स्कूल की टीचर की याद सताये
नानी का घर हमें बुलाये
शॉपिंग के लिये मन ललचाये
वर्थडे फीका फीका पड़ जाये
ओ कोरोना तू बता हम छोटे-छोटे
बच्चे कैसे अपना दिल बहलाये
तेरा भय इतना सताये
कोरोना तुझसे नही डरते हम
हममें है तुझसे लड़ने का दम
सोशल डिस्टेसिंग निभायेंगे
सरकार के रूल्स अपनायेगे
घर में बैठकर तुझे हरायेगे
और फिर अपना जीवन खुशहाल बनायेंगे!

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