Khula Sach
अन्यताज़ा खबर

देश भर के छात्र स्कूल जाने के लिए उत्सुक

69% स्टूडेंट्स फिर से नियमित स्कूल जाने को या हाइब्रिड मॉडल से पढ़ने को तैयार

मुंबई : कोरोना महामारी के वजह से पिछले कुछ महीनों से स्कुल बंद हैं। हालाँकि देश के कुछ हिस्सों में स्कुल शुरू हुए हैं और कुछ हिस्सों में अभी भी शुरू होने बाकि है। ऐसे में छात्र अपने स्कुल को बहुत मिस कर रहें हैं और फिर से स्कुल जाकर पढाई करने के लिए बेहद उत्सुक है। इस बात का खुलासा दुनिया के सबसे बड़े ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म ब्रेनली द्वारा किए गए सर्वेक्षण में हुआ है।  इस सर्वेक्षण में शामिल 69% स्टूडेंट्स फिर से नियमित स्कूल जाने को या हाइब्रिड मॉडल से पढ़ने को तैयार है।  स्टूडेंट्स के सामने आने वाले विभिन्न पहलुओं पर गहराई से जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से इस सर्वेक्षण का आयोजन किया गया।

2021 की शुरुआत हो चुकी है, तो कई छात्रों ने पिछला वर्ष कैसे बीता, इससे जुड़े नीतिगत उपायों और अन्य प्रासंगिक विषयों पर अपनी बात रखी। दिलचस्प बात यह है कि शिक्षा में बड़े पैमाने पर बदलाव के बावजूद, केवल 19.8% उत्तरदाताओं ने दावा किया कि 2020 ने उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। 12.3% ने बताया कि इससे उनके प्रदर्शन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है जबकि 23.5% ने कहा कि उनकी पढ़ाई पर मिश्रित प्रभाव पड़ा है। हालांकि, ब्रेनली के 44.4% स्टूडेंट्स ने माना कि 2020 ने उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है।

इसके पीछे का कारण स्टूडेंट्स का अपनाया वैकल्पिक दृष्टिकोण हो सकता है। 26.7% ब्रेनली स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म्स की ओर रुख किया और इससे अपनी पढ़ाई को मैनेज किया। 25.3% ने ऑनलाइन कक्षाओं के साथ-साथ होम ट्यूशन भी लिया, जबकि 19.8% छात्रों ने शैक्षणिक कारणों से डेडिकेटेड डिवाइस (जैसे लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैब आदि) भी खरीदे। 2020 में 28.7% ने अपने माता-पिता की मदद ली। पढ़ाई में छात्रों में एक उच्च स्तर की जागरूकता भी देखी गई।

एक सकारात्मक बदलाव के तौर पर ब्रेनली के 57% छात्रों ने दावा किया कि वे नियमित रूप से व्यायाम या ध्यान करते हैं। उनमें से 43% भी स्कूल वापस जाकर पढ़ाई फिर से शुरू करना चाहेंगे। दूसरी ओर, 26.1% छात्र 26 लचीले और हाइब्रिड लर्निंग मॉडल में रुचि रखते थे। सर्वेक्षण के उत्तरदाताओं में से 14.5% ऑनलाइन लर्निंग जारी रखना चाहते हैं।

पिछले साल स्टूडेंट्स के लिए परीक्षा ने बहुत दर्द दिया क्योंकि 45.7% स्टूडेंट्स ने ऑनलाइन परीक्षा को अधिक चुनौतीपूर्ण पाया। केवल 30.5% छात्रों ने दावा किया कि यह नियमित परीक्षाओं के समान था। 23.8% ने भी माना कि कुछ भी कहना मुश्किल है।

ब्रेनली में सीपीओ राजेश बिसानी ने कहा, “2021 आशावाद का वर्ष है क्योंकि कई उत्साहजनक विकास चारों ओर हो रहे हैं। यह आशावाद हमारी स्टूडेंड कम्युनिटी में भी दिख रहा है। सर्वेक्षण से साफ है कि वे मुख्य शैक्षणिक परिवर्तनों को लेकर आशान्वित हैं और उस वर्ष में कुछ बड़ा करने को तत्पर हैं जो अभी शुरू हुआ है।”

Related posts

परामर्शदाता सीखाते हैं एचआईवी संक्रमित लोगों को जीने की कला

Khula Sach

Mirzapur : सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ यज्ञ हवन आरती करके शिवपाल सिंह यादव के अच्छे स्वास्थ्य दीर्घायु की कामना की गई

Khula Sach

Jamshedpur : धूमधाम से मनाया गया बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के 131वी जयंती

Khula Sach

Leave a Comment